किसके सर होगा नवसृजित नगर पंचायत घघसरा का प्रथम ताज


घघसरा-गोरखपुर (यूएसएन)। 9 ग्राम सभा के कुल 27 राजस्व गांव को मिलाकर 15 वार्डों की बनी है नगर पंचायत घघसरा। नगर पंचायत में कुल मतदाताओं की संख्या 21635 है। जिसमें पुरुष मतदाता 11480 तथा महिला मतदाता 10155 है। नवसृजित नगर पंचायत घघसरा में अध्यक्ष एवं सभासद पद के लिए चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। सभी पार्टियों के प्रत्याशी एवं निर्दल प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए अपना पूरा दमखम लगा दिए हैं। घघसरा में पहली बार नगर पंचायत का चुनाव हो रहा है अनारक्षित सीट होने के कारण यहां ब्राह्मण, क्षत्रिय ,सैंथवार, यादव, निषाद तथा अन्य जाति के लोग चुनाव में अपनी किस्मत की आजमाइश कर रहे हैं। इस नगर पंचायत में मुस्लिम समुदाय का अच्छा खासा वोट होने के बावजूद कोई मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव में न तो निर्दल है और न ही पार्टियों की तरफ से किसी मुस्लिम को टिकट मिला है। सत्ताधारी भाजपा ने युवा एवं संघर्षशील प्रत्याशी प्रभाकर दुबे को टिकट देकर भरोसा जताया है। सपा से बृजेश यादव को उम्मीदवार बनाया गया है ।वह वर्तमान में अपने गांव के प्रधान भी हैं। वहीं बसपा से अपने गांव के प्रधान रह चुके संतोष कुमार सिंह उर्फ बब्बू सिंह को पार्टी ने टिकट दिया है। जबकि बसपा के विकास राज को टिकट न मिलने के कारण वह निर्दल के रूप में अपने भाग्य को आजमा रहे हैं। भाजपा के कर्मठ एवं संघर्षशील सिपाही तथा शिक्षक रामबचन चौरसिया को पार्टी से टिकट न मिलने के कारण वह पार्टी से बगावत कर निर्दल प्रत्याशी  के रूप में चुनाव मैदान में हैं। बुद्धिजीवियों तथा शिक्षकों की सहानुभूति इनके साथ है। कुछ वर्ष पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व ब्लाक प्रमुख एवं कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ चुके स्वर्गीय अष्टभुजा त्रिपाठी की पत्नी कुसुमलता देवी भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं।निर्दल प्रत्याशी अमित सिंह अपने सगे पाटीदार बसपा प्रत्याशी बब्बू सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पूर्व ब्लाक प्रमुख स्वर्गीय अष्टभुजा की पत्नी कुसुमलता देवी के चुनाव मैदान में आने से सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। समाज के सभी वर्गों पर इस परिवार का अच्छा खासा सकारात्मक प्रभाव है। इनके चुनाव मैदान में आने से यह चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी शकुंतला आर्य को टिकट देकर भरोसा जताया है।सभी प्रत्याशी जनता के बीच जाकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं। परंतु जनता किसको आशीर्वाद देकर कुर्सी पर बैठाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा। क्योंकि बागी प्रत्याशी सत्ताधारी पार्टी के लिए एक बांध बने हुए हैं। इस बांध को तोड़कर आगे बढ़ना कितना सफल होगा यह समय बताएगा। अब नवसृजित नगर पंचायत घाघरा का इतिहास कौन लिखेगा? यह आने वाला 13 मई 2023 का दिन ही बताएगा।