घघसरा -गोरखपुर (यूएसएन)। विकास खण्ड पाली के बलुआ गांव के कबीर मठ पर मगहर कबीर मठ के पीठाधीश्वर आचार्य विचार दास की अध्यक्षता में स्वामी सुधानंद जी महाराज द्वारा संत कबीर गौशाला का उद्घाटन किया गया। मगहर कबीर मठ पर पधारे अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी सुधानंद जी महाराज द्वारा बलुआ कबीर मठ पर लगभग 200 गायों की रहने की क्षमता के गौशाला का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर संत असंग दास जी द्वारा 21हजार रुपए का दान गौशाला निर्माण के लिए दिया गया। अगल-बगल गांव के किसानों द्वारा 13 गायों तथा बछड़ों को गौशाला पर दान स्वरूप दिया गया जिससे पशुओं का समुचित पोषण हो सके। कबीर मठ के पीठाधीश्वर महंत विचार दास जी ने बताया कि लगभग 500 बीघा खेत तथा 20 एकड़ में फैली आम की बाग बलुआ कबीर मठ के अधिकार क्षेत्र में है जिससे यहां जो भी गायें आएंगी उनके रखरखाव तथा पोषण की पूरी समुचित व्यवस्था की जाएगी क्योंकि उनके चारे के लिए भूसा तथा अन्य सामग्री की कमी नहीं पड़ेगी। लगभग दो दशक पहले यहां पशु रहते थे परंतु कुछ अपरिहार्य कारणों से व्यवस्थाएं अव्यवस्थित हो गई थी ।
अब पुनः गौशाला का नए सिरे से निर्माण कर पशुओं के रहने की पूरी व्यवस्था सुदृढ़ ढंग से की जाएगी जिससे आगे आने वाले समय में लगभग 300 गायों के रहने का संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा। गोंडा से पधारे अंतर्राष्ट्रीय संत असंग दास जी ने कहा कि गौ सेवा करना हजारों तीर्थ करने के बराबर है क्योंकि इसमें श्रीहरि का वास होता है। गौ सेवा करने से ही ईश्वर सेवा पूर्ण हो जाती है ऐसा शास्त्रों में माना गया है। असंग दास जी ने बलुआ संत कबीर गौशाला में एक लाख 11 हजार रुपए और दान देने की बात कही। महाराष्ट्र सरकार के अवकाश प्राप्त प्रमुख सचिव अभय नारायण त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब से मैं अवकाश प्राप्त किया हूं गौ सेवा का व्रत लेकर पिछले 4 वर्षों से स्वयं गो सेवा करता हूं इसका मुझे अच्छा प्रतिफल प्राप्त हो रहा है। मैं स्वयं कबीर दास जी के विचारों से काफी प्रभावित होकर के इस विचारधारा को अपनाने का मन बनाया है। इस अवसर पर बलुआ कबीर मठ के संरक्षक केशव दास जी, राम लखन दास उर्फ लाल बाबा जी, डॉक्टर हरशरण दास जी, अरविंद दास जी, पारसनाथ ,ओम प्रकाश त्रिपाठी, संत कबीर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ राकेश सिंह, प्रवक्ता मुकेश यादव, रामकुमार मौर्य, हरिश्चंद्र आजाद, शिवानंद पांडे, शैलेंद्र शुक्ल,निसार अहमद, संपूर्णानंद तिवारी ,सहित गांव के सैकड़ों भक्त मौजूद थे।